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कोरोना जांच में लापरवाही के आरोप में सर गंगा राम अस्पताल पर एफआईआर दर्ज

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 06 Jun 2020   Posted by Twisha Roy

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एफआईआर में कहा गया है कि अस्पताल कोरोना संदिग्धों की जांच में आरटी-पीसीआर एप का इस्तेमाल नहीं कर रहा है जो साफ तौर पर महामारी अधिनियम का उल्लंघन है
Amit Ranjan/New Delhi:
दिल्ली सरकार ने महामारी अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में सर गंगा राम अस्पताल प्रशासन के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई है। इस एफआईआर में कहा गया है कि सभी अस्पतालों को स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश का पालन करना और सिर्फ आरटी पीसीआर एप के जरिए सैंपल लेना जरूरी था लेकिन गंगाराम ने सैंपल लेने के लिए आरटी पीसीआर का इस्तेमाल नहीं किया। गंगा राम के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज हुई है।
 
अस्पतालों के कोरोना सैंपल कलेक्शन सेंटर और सभी सरकारी टेस्टिंग लैब में इसे अनिवार्य किया गया था। 3 जून को दिल्ली सरकार ने सर गंगा राम अस्पताल प्रशासन को एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि अस्पताल कोरोना संदिग्धों की जांच के लिए आरटी-पीसीआर एप का इस्तेमाल नहीं कर रहा है। जो महामारी अधिनियम का उल्लंघन है। इसलिए अब अस्पताल में कोरोना जांच नहीं की जाएगी। आदेश में सरकार ने अस्पताल प्रशासन को तत्काल प्रभाव से टेस्ट पर रोक लगाने को निर्देश दिए गए थे। उसी दिन सरकार ने यह घोषणा भी की थी कि 675 बिस्तर वाले इस अस्पताल में अब 80 फीसदी बिस्तर कोरोना वायरस के मरीजों के लिए आरक्षित होने चाहिए। इस आदेश के बाद डॉक्टरों ने सोशल मीडिया पर इसका विरोध किया।
 
डॉक्टरों का कहना है कि इस वजह से यहां आने वाले कैंसर पीड़ित मरीजों की परेशानी और बढ़ गई है। कुछ मरीज सप्ताह में एक बार कीमो थेरेपी के लिए जरूर आते हैं। ऐसे में उनका प्रति सप्ताह कोरोना टेस्ट करना आवश्यक है, क्योंकि कोरोना के मरीजों पर कीमो थेरेपी के दुष्प्रभाव काफी होते हैं, लेकिन इस आदेश के बाद से परेशानी हो गई है। 
केजरीवाल ने प्राइवेट अस्पतालों से सख्त लहजे में कहा कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा, इस गुमान में मत रहना कि दूसरी पार्टी में बैठा कोई नेता आपका आका आपको बचा लेगा। कल से हम एक-एक अस्पताल के मालिक को बुला रहे हैं सबसे पूछा जा रहा है. अस्पतालों को कहा गया है कि 20 सीसी बेड रिजर्व करो। उन्होंने कहा कि कुछ अस्पतालों की समस्या सही होती है, हम उसको मान लेते हैं। लेकिन कोरोना वायरस मरीजों का इलाज करना पड़ेगा, इसमें कोई समझौता नहीं होगा. मुझे खुशी है कि न्यूज़ चैनल वाले और अखबार वाले 11 अस्पतालों को फोन करके पूछ रहे हैं कि बेड है या नहीं, इससे फायदा भी हो रहा है।
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Written by Twisha Roy


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