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महंगा कोरोना इलाज: आम आदमी की पहुंच से निजी अस्पताल बाहर

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 14 Jun 2020   Posted by Kshitij bhaswar

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सरकार की ओर से अस्पतालों के लिए अब तक कोविड शुल्क तय नहीं किया गया है, जिसका खामियाजा मरीजों को चुकाना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिखाया जा रहा है कि अस्पतालों ने अपने बैनर पर कोविड उपचार की रेट लिस्ट तक लगा दी है
अमित रंजन/ नई दिल्ली
देश में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक ओर जहां सरकार बेड की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है, वहीं कुछ निजी अस्पतालों में भी कोविड मरीजों के इलाज की सुविधा शुरू की गई है, परंतु इन अस्पतालों में इलाज आम आदमी की पहुंच से बाहर है। इसकी वजह है, महंगा इलाज खर्च। इस बीच, महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच उद्धव ठाकरे सरकार ने अहम कदम उठाया है। राज्य के प्राइवेट लैब्स में कोरोना जांच की फीस पहले के मुकाबले आधी हो गई है।
 
फिलहाल सरकार की ओर से अस्पतालों के लिए कोविड शुल्क तय नहीं किया गया है, जिसका खामियाजा मरीजों को चुकाना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिखाया जा रहा है कि अस्पतालों ने अपने बैनर पर कोविड उपचार की रेट लिस्ट तक लगा दी है। हालांकि, लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
मैक्स में 72 हजार रुपये रोज, फोर्टिस में प्रतिदिन 40 हजार रुपये
 पहला मामला पटपड़गंज स्थित मैक्स अस्पताल का है, जहां एक बैनर पर कोरोना वायरस के इलाज के लिए रेट लिखे हुए हैं, जिसमें जनरल वार्ड का पैकेज 25 हजार से ऊपर है, जबकि रुटीन वार्ड और आइसोलेशन (प्राइवेट रूम) का चार्ज 30 हजार से ऊपर है। बिना वेंटिलेटर के आईसीयू 53 हजार से ज्यादा और वेंटिलेटर के साथ 72 हजार रुपये से ज्यादा देने पड़ेंगे। यह सब एक दिन का चार्ज है। वसंतकुंज के फोर्टिस अस्पताल की भी एक रेट लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, जहां कोरोना के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड का खर्च 15 हजार रुपये प्रतिदिन और आईसीयू बेड का चार्ज 40 हजार रुपये प्रतिदिन का है। हालांकि, अस्पताल के किसी भी अधिकारी ने इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया।
90 फीसदी लोग नहीं करा सकते इलाज
रोहिणी के रहने वाले रोहित मिश्रा का कहना है कि यदि अस्पताल उपचार की इतनी कीमत लेंगे तो 90 फीसदी लोग इन अस्पतालों में इलाज नहीं करा पाएंगे। विशेषकर, उन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा जिनके पास रहने-खाने तक की उचित व्यवस्था तक नहीं है। हालांकि, एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (इंडिया) ने निजी अस्पतालों में कोविड के उपचार की राशि को तय किया है। कोविड उपचार को चार चरण में बांटते हुए फीस को तय किया गया है। अगर कोई मरीज सामान्य वार्ड में भर्ती होता है तो 15 हजार रुपये भुगतान करना होगा, जबकि आइसोलेशन आईसीयू में 25 हजार और वेंटिलेटर की स्थिति है तो 35 हजार रुपये फीस तय की है। इनमें प्लाज्मा थेरेपी का खर्च शामिल नहीं है। राजधानी में इस समय 120 से ज्यादा अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज कि सुविधा है। इनमें केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों के अस्पताल शामिल हैं। सरकार ने कुछ अस्पतालों को कोविड विशेष भी घोषित किया गया है। इनमें गंगाराम कोलमेट, गंगाराम सिटी, दीपचंद बंधु अस्पताल और सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल शामिल हैं, जहां कोरोना के उपचार के लिए निर्धारित शुल्क ही लिया जाता है।
 
इसमें पूरी बात नहीं : मैक्स
मामले को तूल पकड़ता देख मैक्स अस्पताल प्रबंधन ने बयान जारी कर कहा कि कोविड-19 ट्रीटमेंट के लिए जो रेट लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है उसमें पूरी बात नहीं लिखी है। अस्पताल सिर्फ आइसोलेशन बेड की सुविधा देने के लिए इतना चार्ज नहीं ले रहा है। इसमें नियमित परीक्षण, नियमित दवाइयां, डॉक्टर और नर्स की फीस, मरीज के खाने का खर्च, ऑक्सीजन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और ईसीजी आदि शामिल हैं। यह चार्ज सिर्फ गंभीर मरीजों के लिए ही है, जिन्हें इस सुविधा में भर्ती होने की आवश्यकता है। मामूली लक्षण वाले रोगियों के लिए आइसोलेशन की सुविधा महज 333 रुपये प्रतिदिन लिए जा रहे हैं। ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मरीजों की भी सेवा की जा रही है। सीजीएचएस, ईसीएचएस और अन्य पैनल के मरीजों को सब्सिडी वाले मूल्य पर सेवा दी जा रही है।
उधर, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शनिवार को कहा कि सरकार ने निजी लैब में कोविड-19 की जांच की कीमत 4,500 रुपये से घटाकर 2,200 रुपये कर दी है। टोपे ने कहा कि जांच की कम कीमतों से लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘अस्पतालों से वायरल ट्रांसपोर्ट मीडिया (वीटीएम) के जरिए मुंह की लार के नमूने इकट्ठा करने के लिए 2,200 रुपये लिए जाएंगे जबकि घर से मुंह की लार के नमूने लेने के लिए 2,800 रुपये लिए जाएंगे। इससे पहले इसके लिए 4,500 और 5,200 रुपये लिए जाते थे।’
 
टोपे ने बताया कि निजी लैब अधिकतम इतना ही शुल्क ले सकते हैं। जिलाधिकारी कीमतों को और कम कराने के लिए निजी लैब से बातचीत कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर निजी लैब इससे ज्यादा फीस लेते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’ साथ ही उन्होंने दावा किया कि ये नई दरें देश में सबसे कम होंगी। मंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड-19 जांच के लिए 91 लैब हैं।
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Written by Kshitij bhaswar


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