इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अभी इन लोगों के जवाब की पड़ताल कर रहा है। वह जल्द ही नोटबंदी के दौरान जुटाए गए डेटा की गंभीर पड़ताल के बाद एक और लिस्ट जारी करेगा। डेटा पर काम करने के लिए डिपार्टमेंट बाहरी लोगों की मदद ले रहा है। वह इस तरह से संदिग्ध ट्रांजैक्शंस का पता लगाना चाहता है।
By staff Reporter/New Dehi
नोटबंदी के दौरान बैंकों में कैश डिपॉजिट के बारे में 7 लाख लोगों ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सामने सफाई दी है। इसके लिए डिपार्टमेंट ने 15 फरवरी की डेडलाइन तय की थी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 18 लाख लोगों से कैश डिपॉजिट के बारे में जानकारी मांगी थी। एक बड़े सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘7.3 लाख लोगों ने कैश डिपॉजिट की वजह बताने के लिए लॉगइन किया।’ उन्होंने बताया कि डिपार्टमेंट अब उन 10.7 लाख लोगों को लेकर अगले कदम का फैसला करेगा, जिन्होंने तय समय में इस बारे में जानकारी नहीं दी है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अभी इन लोगों के जवाब की पड़ताल कर रहा है। वह जल्द ही नोटबंदी के दौरान जुटाए गए डेटा की गंभीर पड़ताल के बाद एक और लिस्ट जारी करेगा। डेटा पर काम करने के लिए डिपार्टमेंट बाहरी लोगों की मदद ले रहा है। वह इस तरह से संदिग्ध ट्रांजैक्शंस का पता लगाना चाहता है। टैक्स एक्सपर्ट्स ने बताया कि डिपार्टमेंट को उन 10.7 लाख लोगों को फॉर्मल नोटिस भेजना पड़ेगा, जिन्होंने डिपॉजिट के बारे में एसएमएस और ईमेल से पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया है।
उनका कहना है कि एसएमएस और ईमेल का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। इसलिए डिपार्टमेंट को फॉर्मल नोटिस भेजना होगा। यह काम 31 मार्च के बाद किया जा सकता है, जब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की डेडलाइन खत्म हो जाएगी। मुमकिन है कि इनमें से कुछ लोग इस स्कीम के तहत जमा कराई गई रकम डिक्लेयर करें।